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टिप्पणी का सिलसिला

कोई नई बात नहीं
एक और आलेख
एक और लिंक
http://www.timesonline.co.uk/tol/news/world/asia/article6837585.ece

कोई अदम गोंडवी लिखे फिर एक गीत
'सौ में सत्तर आदमी जब भूख से नाशाद हो
दिल पे रख कर हाथ कहिए
देश क्या आज़ाद है...'
दोस्तो, मेरे पिछले एक चिट्ठे पर किसी अंजान भाई की एक टिप्पणी आई ।
निरपेक्षता का आग्रह है। मैंने एक जवाबी टिप्पणी में स्पष्ट किया है कि प्रेषक की टिप्पणी न केवल प्रासंगिक नहीं, बल्कि उसके अपने पूर्वाग्रहों की ओर संकेत करती है। ऊपर Times की लिंक उसी सिलसिले में है।

Comments

लिंक देने की जरुरत नहीं .लाल्टू भाई ...अदम साहब ने बजा फरमाया है
sriman laltu ji,
namaskar jo hinduvo ko nationalist batate hai vah log pratayaksh aur apratyaksh roop se british va german poshit vichardhara se laish sangh k hinduvatv k propogande k tahat kehte hai deshdrohiyon ,ghoshkhoro , milavatkhoro,jamakhoron ki na koi jaati hoti hai na dharm hota hai bharat mein pehla pakistani jasoosh mohan lal kapoor tha tatha rashtrpita ki padvi dharan kiye hue mohan chandr karam chand gandhi ki hatya nathu ram godse aur hinduvatv ki vichardhara manne vale logo ne hi ki thi .Atal bihari bajpei ne srimati indra gandhi ko durga se sambodhit kiya tha aur phir indira gandhi ki hatya satvant singh ne ki thi . manniy atal bihari bajpei ji bhi british samrajyvaad ki taraf se krantikariyo k khilaaf apni navjavaani k period mein gavahi dete the.isliye anjaan sahab jo hai va anjaan hi rahenge agar unka mukhauta utaar diya jaye to vah koi sanghi hi niklega yah desh ish desh mein rehne vaale vibhinn samudayo vibhinn dharmo, vibhinn bhasao aur vibhinn jatiyo k manne vale logo ka hai desh ka rashtriy svaroop dharm nirpeksh hai aur nirpeksh rahega. American parasht taktein is tarah ki afvaahbaaji ya propoganda chahe jo bhi kuch karein usse kuch nahi hone waala hai .



suman
loksangharsha.blogspot.com
'सौ में सत्तर आदमी जब भूख से नाशाद हो
दिल पे रख कर हाथ कहिए
देश क्या आज़ाद है...'

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रहने को घर नहीं
सारा जहाँ हमारा....

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