सुंदर लोग एक दिन हमारे बच्चे हमसे जानना चाहेंगे हमने जो हत्याएँ कीं उनका खून वे कैसे धोएँ हताश फाड़ेंगे वे किताबों के पन्ने जहाँ भी उल्लेख होगा हमारा रोने को नहीं होगा हमारा कंधा उनके पास कोई औचित्य नहीं समझा पाएँगे हम हमारे बच्चे वे बदला लेने को ढूँढेंगे हमें पूछेंगे सपनों में हमें रोएँ तो कहाँ रोएँ हर दिन वे जिएँगे स्मृतियों के बोझ से थके रात जागेंगे दुःस्वप्नों से डर डर कई कई बार नहाएँगे मिटाने को कत्थई धब्बे जो हमने उनको दिए हैं जीवन अनंत बीतेगा हमारी याद के खिलाफ सोच सोच कर कि आगे कैसे क्या बोएँ। --------------------------------------------------- कोई भूकंप में पेड़ के हिलने को कारण कहता है कोई क्रिया प्रतिक्रिया के वैज्ञानिक नियमों की दुहाई देता है हर रुप में साँड़ साँड़ ही होता है व्यर्थ हम उनमें सुनयनी गाएँ ढूँढते हैं साँड़ की नज़रों में मौत महज कोई घटना है इसलिए वह दनदनाता आता है जब हम टी वी पर बैठे संतुष्ट होते हैं सुन सुन सुंदर लोगों की उक्तियाँ इसी बीच नंदीग्राम बन जाता है ग्वेरनीका जीवनलाल जी यह हमारे अंदर उन...