कुछ निजी कारणों से फिर एकबार चिट्ठागीरी से छुट्टी ले रहा हूँ।
कुछ समय बाद फिर हाजिर होंगे।
कारण?
समय, अवस्था - कुछ भी तो कारण हो सकते हैं।
शायद, ...
शायद वैसे गलत शब्द है। मेरे युवा दोस्तों को पता है कि मैं
शायद या पर फिर यहाँ तक कि और आदि से भी चिढ़ता हूँ।
शायद कुछ नहीं होता। जो होता है वही होता है।
कुछ समय बाद फिर हाजिर होंगे।
कारण?
समय, अवस्था - कुछ भी तो कारण हो सकते हैं।
शायद, ...
शायद वैसे गलत शब्द है। मेरे युवा दोस्तों को पता है कि मैं
शायद या पर फिर यहाँ तक कि और आदि से भी चिढ़ता हूँ।
शायद कुछ नहीं होता। जो होता है वही होता है।
1 comment:
आस पास ही रहिएगा। अवसर मिलते ही झांक लें...मन होते ही कुछ लिख डालें
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