Thursday, June 07, 2007

छुट्टी

कुछ निजी कारणों से फिर एकबार चिट्ठागीरी से छुट्टी ले रहा हूँ।
कुछ समय बाद फिर हाजिर होंगे।


कारण?
समय, अवस्था - कुछ भी तो कारण हो सकते हैं।
शायद, ...

शायद वैसे गलत शब्द है। मेरे युवा दोस्तों को पता है कि मैं
शायद या पर फिर यहाँ तक कि और आदि से भी चिढ़ता हूँ।

शायद कुछ नहीं होता। जो होता है वही होता है।

1 comment:

मसिजीवी said...

आस पास ही रहिएगा। अवसर मिलते ही झांक लें...मन होते ही कुछ लिख डालें