लंबे समय से ब्लॉग लिखा नहीं। इधर कुछ कविताएँ पत्रिकाओं में आती रहीं तो लगा कि चलो कुछ तो लिखा। ऐसा होना नहीं चाहिए। जो लोग लिख रहे हैं अच्छा लिख रहे हैं। हालाँकि कभी कभी कुछ चीज़ें पढ़ कर हताशा होती है, फिर भी जो लिख रहे हैं, उनको धन्यवाद और बधाई। धरती पर बकवास करने वालों के लिए भी जगह है। किसी जनाब ने मेल भेजी कि हमारा ब्लॉग पढ़ो। चलो भई देख लिया। क्या, कि इस मुल्क में गीता पढ़ना सांप्रदायिक माना जाता है, और अमरीका में किसी कालेज में सबको गीता पढ़ाई जा रही है। मैं तकरीबन एक लाख हिंदुस्तानियों को तो जानता ही हूँगा, बहुत कोशिश की कि कोई ऐसा व्यक्ति याद आए जो मुझे इस वजह से सांप्रदायिक मानता हो कि मैंने गीता पढ़ी है। जिन हजारों अमरीकी लोगों को जानता हूँ उनमें से याद करने की कोशिश की कि कितने लोग गीता पढ़े होंगे। चूँकि मैं भारतीय हूँ तो जानकार अमरीकी लोगों में बहुत बड़ी तादाद उन लोगों की है जिनकी भारत में रुचि है। फिर भी ज़िंदा लोगों में से कोई याद न आया जिसने अंग्रेज़ी में भी गीता पढ़ी हो। वैसे नाभिकीय बम के पहले प्रोजेक्ट मैनहाटान प्रोजेक्ट के डिरेक्टर प्रख्यात वैज्ञानिक राबर्ट ओपेनहाइ...