युवा कवि
मोहन राणा के साथ| मोहन बाथ में रहता है और ये तस्वीरें उसने अपने मोबाइल फोन के कैमरे पर लीं|
स्टैचू नाविक जान कैबट है - १४९७ में ब्रिस्टल से चला और उत्तरी अमरीका जा पहुँचा|
पीछे इमारत ब्रिस्टल के कला और संस्कृति के केंद्र आर्नोलफीनी की है| आर्नोलफीनी मध्यकालीन पश्चिमी कला में काफी विवादित नाम है| मेरे हाथ में लिफाफे में मोहन के दो कविता संग्रह हैं, जिनमें एक ताजा 'पत्थर हो जाएगी नदी' है|
4 comments:
चलिए आप दिखें तो...
अब कुछ वर्णन/विवरण हो जाए
नाविक की मूरत अच्छी लगी । मोहनजी की कविताओं पर कुछ लिखिएगा ?
हाँ जनाब, मोहन जी की कवितायें पढ़वाई जायें.
मोहन की कुछ कविताएँ उसके ब्लाग (wordwheel.blogspot.com) पर मिलेंगीं| एक छोटी समीक्षा 'सृजन गाथा' के लिए लिखी है|
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