मैं चाहता था कि साथ साथ सुकुमार राय के बनाए स्केच भी पोस्ट करता जाऊँ। पहली किस्त में बिल्ले का स्केच उन्हीं का बनाया है। चलो, स्केच के साथ फिर कभी। पिछली किस्त से आगेः ... "धर्मावतार हुजूर! यह मानहानि का मुकदमा है। इसलिए पहले यह समझना होगा कि मान किसे कहते हैं। अरबी जाति की जड़ वाली सब्जियों को मान कहते हैं। अरबी बड़ी पौष्टिक चीज है। कई प्रकार की अरबी होती है, देशी अरबी, विदेशी अरबी, जंगली अरबी, पानी की अरबी इत्यादि। अरबी के पौधे की जड़ ही तो अरबी है, इसलिए हमें इस विषय की जड़ तक जाना चाहिए।" इतना कहते ही एक सियार जिसके सिर पर नकली वालों की एक टोपी सी थी, झट से कूद कर बोला, "हुजूर, अरबी बड़ी बेकार चीज है। अरबी खाकर गले में खुजली होती है। "जा, जली अरबी खा" कहने पर लोग बिगड़ जाते हैं। अरबी खाते कौन हैं? अरबी खाते हैं सूअर और साही। आऽ.. थूः" साही फिर फूँफूँत फूँत कर रोने ही वाला था, पर मगर ने उस बड़ी किताब से उसके सिर पर मारा और पूछा, "कागज़ात दलील, साक्षी सबूत कुछ हैं?" साही ने सिरमुँड़े की ओर देखकर कहा, "उसके हाथ में सभी कागज़ा...