क्या बड़ी कक्षाओं को यानी जिनमें छात्रों की संख्या एक हद से ज्यादा हो, ढंग से पढाया जा सकता है? शिक्षा शास्त्रियों का मानना है कि प्रारंभिक स्तर पर प्रति शिक्षक जैसे जैसे बच्चों की संख्या बीस से ज्यादा बढ़ती है शिक्षा का स्तर लगातार गिरता रहता है। मेरा अपना अनुभव यह है कि तथाकथित अच्छे कान्वेंट स्कूलों में बेहतर पढ़ाई का कारण स्कूल का बेहतर होना नहीं, बल्कि पालकों का अधिक सचेत होना है। स्कूल सिर्फ अनुशासन सिखाता है, जो स्व-शिक्षा में मदद नहीं करता, बाधक ज़रुर होता है। शिक्षा शास्त्री 'विंडोज़ अॉफ लर्निंग' की बात करते हैं, जिनमें उम्र के विभिन्न पड़ावों में सीखने के अलग-अलग मानदंड माने गए हैं। क्या सीखना है, कैसे सीखना है, इन सब बातों पर पिछली सदियों में बहुत शोध हुआ है, बहस भी बहुत हुई है। कालेज विश्वविद्यालय स्तर पर आने तक, व्यक्ति सीखने की खिड़कियों को पार कर चुका होता है। अब समय है खुद यह जानने का कि मुझे क्या पढ़ना सीखना है। परीक्षा इसलिए नहीं कि स्कूल का डंडा है, इसलिए कि मुझे अपनी काबिलियत की समझ होनी चाहिए और दूसरों को भी मैं यह दिखाना चाहता हूँ कि मैं कितना काबिल ...