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Showing posts from April, 2006

प्रेमी जब प्रेमिका को पा नहीं पाता

भई वाह! मैंने अभी कुछ ही कहानियाँ पढ़ी हैं, पर सचमुच मजा आ गया। आप लोग भी पढ़ें। रचनाकार की प्रविष्टि असगर वजाहत की कहानियाँ। एक नमूना पेश हैः "लेकिन 'एम` को 'यम`, 'एन` को 'यन` और 'वी` को 'भी` बोलने वालों और अंग्रेजी का रिश्ता असफल प्रेमी और अति सुंदर प्रेमिका का रिश्ता है। पर क्या करें कि यह प्रेमिका दिन-प्रतिदिन सुंदर से अति सुंदर होती जा रही है और प्रेमी असफलता की सीढ़ियों पर लुढ़क रहा है। प्रेमी जब प्रेमिका को पा नहीं पाता तो कभी-कभी उससे घृणा करने लगता हे। इस केस में आमतौर पर यही होता है। अगर आप अच्छी-खासी हिंदी जानते और बोलते हों, लेकिन किसी प्रदेश के छोटे शहर या कस्बे में अंग्रेजी बोलने लगें तो सुनने वाले की इच्छा पहले आपसे प्रभावित होकर फिर आपको पीट देने की होगी।" मात्राओं की गलतियाँ बहुत सारी हैं। मैंने शिकायत दर्ज़ कर दी है। पर ऐसा प्रयास बड़ी मेहनत माँगता है, इसलिए रवि रतलामी को कानपुर वाले ठग्गू के लड्डुओं का ऑफर है मेरी ओर से।