Skip to main content

Posts

Showing posts from August, 2020

विज्ञान, टेक्नेलोजी और समाज

एक अरसे से विज्ञान, टेक्नेलोजी और समाज पर लिखने की सोचता रहा हूँ। संजय जोशी ने पीछे पड़कर चार लेख लिखवा लिए, जो 'समकालीन जनमत' वेब-पोर्टल पर आए हैं। ज्यादातर बातें मौलिक नहीं हैं, पर ज़रूरी बातें हैं, जो हर किसी को पढ़नी चाहिए।  ज्ञान की ज़मीन विज्ञान : कुदरत के रंग-ढंग पर इंसान की पकड़ विज्ञान और टेक्नोलोजी – दो हमसाए और समाज मानविकी बनाम प्रकृति-विज्ञान

दलदल में बरगद

'सत्य हिन्दी' वेबसाइट पर आया ताज़ा लेख  नई शिक्षा नीति : बुनियादी बदलाव या नई जुमलेबाज़ी! क्या दलदल में कभी बरगद उग सकता है ? केंद्र - सरकार ने नई शिक्षा नीति के नाम पर जो मसौदा लागू किया है , पहली नजर में लगता है कि बड़ी मेहनत के बाद और बड़े संजीदा मक़सदों के साथ यह शिक्षा नीति तैयार की गई है। स्कूली तालीम से लेकर कॉलेज और विश्वविद्यालय तक की शिक्षा पर गंभीरता से सोचा गया है। पर यह दलदल में बरगद की छाँव का धोखा है। ऐसे समाज में जहां व्यापक गैर - बराबरी हो , बुनियादी मसलों पर फैसला लेने वाले लोग एक छोटे से संपन्न वर्ग से आएं , और अध्यापक - और छात्र - प्रतिनिधियों को फैसलों में शामिल न किया जाए , तो नीतियाँ हमेशा ही खयाली किले जैसी रहेंगी। मसलन एकबारगी ऐसा लगता है कि स्नातक स्तर पर अगर सभी छात्र कामयाब नहीं हो पाते तो उन पर हमेशा के लिए असफलता का धब्बा न लगे , यह अच्छी बात है। अगर कोई चार साल तक पढ़ाई पूरी नहीं कर सकता , तो पहले साल के बाद वह सर्टीफिकेट लेकर निकल जाए , दूसरे साल के बाद डिप्लोमा लेकर निकल जाए , यह तो अच्छी बात होगी। पर कोई यह भी तो पूछे कि स्नातक स्तर की पाठ - चर...