क्रिस्टोफर कॉडवेल बीसवीं सदी के मार्क्सवादी आलोचकों में क्रिस्टोफर कॉडवेल एक बड़ा नाम है। 1907 में जन्मे कॉडवेल 1937 में स्पेन के गृहयुद्ध में फासीवादियों के खिलाफ लोकतांत्रिक मोर्चे की ओर से लड़ते हुए , 29 साल की उम्र में मारे गए। इतनी कम उम्र में ही समकालीन साहित्य और विज्ञान पर उन्होंने गंभीर चिंतन किया था। इसके लिए उन्होंने मार्क्सवादी दर्शन और औजारों का इस्तेमाल किया। वे ब्रिटेन की कम्युनिस्ट पार्टी के सदस्य थे। उनकी मौत के बाद साहित्य और विज्ञान की आलोचना पर उनकी आठ किताबें प्रकाशित हुई हैं। दुनिया भर में इनमें से कुछ किताबों को पाठ्य - पुस्तकों के रूप में पढ़ा गया है। इसके अलावा उनके दो कविता संग्रह , दो कहानी संग्रह और एक जासूसी उपन्यास , डेथ ऑफ ऐन एअरमैन , भी प्रकाशित हुए। यह बड़े अचरज की बात है कि कॉडवेल ने मुख्यधारा के समाजविज्ञानियों द्वारा डार्विन के विकासवाद की ग़लत व्याख्या की आलोचना करते हुए जैविकी के ऐसे गंभीर सवालों को छेड़ा , जिन पर आज गंभीर बहस छिड़ी हुई है , जब जैविकी पर आणविक स्तर की बेहतर समझ बन चुकी है। रॉब वालेस ने 1986 में प्रकाशित उनकी किताब...