यह लेख 24 मार्च को 'मुसोलिनी से प्रेरित संघ परिवार को संविधान से क्या लेना देना' शीर्षक से janjwar.com पर पोस्ट हुआ है। बब्बन ने , हज्जाम ने कहा बचपन में कहानी पढ़ी थी , ‘ राजा जी के दो सींग , किन्ने कहा , किसने कहा - बब्बन ने , हज्जाम ने कहा। ' हाल के दिनों में अक्सर एक बात सुनाई पड़ती है - मोदी न हो तो क्या होगा , देश डूब जाएगा। पूछें किन्ने कहा , किसने कहा , तो पता चलेगा कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रवक्ता ने कहा। यह हमारी नियति है कि जिनको सुनने की कभी सपने में भी न सोची थी , वे लोग हर कहीं चीख कर बकवास करते नज़र आते हैं। इन्होंने यह मान लिया है कि देश के लोग बेवकूफ हैं , किसी को कुछ अता - पता नहीं है , जो मर्जी बोल दो , कोई फ़र्क नहीं पड़ने वाला है। खास कर जिन राज्यों में कॉंग्रेस बड़ी पार्टी है , जैसे हिंदी प्रदेशों और गुजरात में , वहाँ संसद के चुनावों में वैचारिक सवाल या तालीम , सेहत जैसे बुनियादी मुद्दों को छोड़ सबका ध्यान इसी पर रहे कि अधिनायक का सीना छप्पन इंच का है या नहीं , संघ की कोशिश यही है। मुमकिन है कि कुछ लोग इस झाँसे में आ...