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Showing posts from March, 2014

संस्कृति संस्कृत अंग्रेज़ी

अकबर रिज़वी के फेसबुक पोस्ट - ' * एक मार्क्सवादी मित्र से बातचीत के दौरान नया ज्ञान मिला। उनके मुताबिक - ‪#‎ संस्कृत‬ ही संस्कृति है। ( और एक हम बुरबक अब तक संस्कृत को भाषा और संस्कृति को कुछ और समझ रहे थे। पता नहीं कब तक अज्ञानता का शूल मेरे जीवन को चुभता रहेगा ! उफ्फ ! हाय रे क़िस्मत मूर्ख परिवार में जन्म लेकर क्या मिला मुझे ... )' पर मेरी प्रतिक्रियाः बेचारे मित्र ! अभी तो असली संस्कृति तो अंग्रेज़ी है। अनुस्वार है , कवर्ग का एक अक्षर है और ज और त में एक ही वर्ग का फर्क है। यूरोपकेंद्रिक चिंतन के खिलाफ भी बोलना हो तो अंग्रेज़ी में कहने पर ही लोगों को सुनाई पड़ता है। सूरज पूरब में उगता है कोपरनिकस ने कहा। इंसान इंसान है किसने कहा - शायद बर्ट्रेंड रसेल ने।  आगे देखो , संस्कृत - काल दौड़ता आ रहा है। पर संस्कृत भी अंग्रेज़ी की गाड़ी पर ही सवार रहेगी। किसी को यह कहने के लिए मैंने लताड़ा था ( अंग्रेज़ी में - लताड़़ अनसुनी रह जाती अगर भारतीय भाषा में होती ) कि इंसान का दिमाग एक ऑपरेटिंग सिस्टम है और इसलिए हर बच्चे को पहली से संस्कृत पढ़ाना होगा - तो अब मैं तैयार हूँ क...

दबंगई, दरिंदगी, राष्ट्रवाद और सभ्यता- कुछ खयाल

(यह आलेख 'समयांतर' पत्रिका के मार्च 2014 अंक में प्रकाशित हुआ है) घटनाएँ इतनी तेजी से हो रही हैं कि किस पर लिखें और किस पर नहीं सोचना मुश्किल होता रहता है। हर घटना के सूक्ष्म संदर्भ होते हैं। साथ ही गहराई से देखने पर कुछ बातें ऐसी भी दिखती हैं जो इन घटनाओं के जरिए उस देश - काल को परिभाषित करती हैं , जिसमें हम जीते हैं। समाज विज्ञान में हर घटना की विशिष्टता के अध्ययन पर जोर दिया जाता है। यह स्कॉलरशिप की माँग है। अपनी विशिष्टता को बनाए रखे कोई घटना दीगर और घटनाओं के साथ कैसे जुड़ी है , यह जानना शोधमूलक अध्ययन है। मेरी कोशिश यहाँ समकालीन समाज पर सामान्य टिप्पणी भर की है और सूक्ष्म विवरणों को यहाँ ढूँढना सही नहीं होगा। पढ़ते हुए पाठक इस बात को ध्यान में रखें। मेरा दावा कोई नई खोज का नहीं है , बल्कि मैं महज उन बिखरे खयालों को लिपिपद्ध कर रहा हूँ जो कई भले लोगों को परेशान कर रहे हैं। मेरे लिखने का औचित्य बस इतना है कि ये बातें कही जानी ज़रूरी हैं , बार - बार कही जानी ज़रूरी हैं। लगातार सामने आ रही स्त्रियों के प्रति हिंसा की घटनाएँ , सांप्रदायिक दंगे और मोदी को प्रधानमंत्...