BBC पंजाबी पर हाल में मेरे इस लेख का अनुवाद (दलजीत अमी द्वारा) पोस्ट हुआ है। ' गंगा आमार माँ , पॉद्दा ( पद्मा ) आमार माँ ' और ' गंगा बहती हो क्यों ' जैसे गीतों के गायक भूपेन हाजारिका , अपनी मूल भाषा अख्होमिया से ज्यादा बांग्ला में गाने के लिए जाने जाते हैं। यह कैसी विड़ंबना है कि असम में कई दशकों से वहाँ बस चुके तथाकथित बांग्लादेशियों को निकालने की कोशिशें चल रही हैं , और इसे एक बड़ा राजनैतिक मुद्दा बना दिया गया है। इनमें से अधिकतर ग़रीब हैं जो विस्थापन की मार झेल नहीं पाएँगे और विस्थापित होने पर जाने के लिए कोई जगह उनके पास नहीं है। मेरी माँ का जन्म आज के बांग्लादेश में हुआ था। 2012 के अगस्त महीने में मैं कालामृधा नामक गाँव में पहुँचा जहाँ मेरी माँ जन्मी थी। मुझे जेसोर की यूनिवर्सिटी ने कीनोट-अड्रेस के लिए बुलाया था और वहीं से एक अध्यापक बाबलू मंडल मुझे कालामृधा ले गए। सत्तर साल पहले माँ के नाना पास के गाँव में माध्यमिक स्कूल में प्रधानाध्यापक थे औ...