संकीर्ण राष्ट्रवाद को ना , मानवीय वैश्विक आख्यान को हाँ ('सबलोग' पत्रिका के ताजा अंक में इस लेख का एक संक्षिप्त प्रारुप प्रकाशित हुआ है) मैं हैदराबाद में बैठा यह लेख लिख रहा हूँ। हैदराबाद तेलंगाना की राजधानी है। तेलंगाना को भारत का 29 वाँ राज्य बने अभी दो साल नहीं हुए हैं। तेलंगाना निज़ाम शासित भूतपूर्व हैदराबाद राज्य का तेलुगु - भाषी इलाका है , जिसे भाषाई आधार पर राज्यों के पुनर्गठन करते हुए आंध्र प्रदेश में शामिल किया गया था। यानी कि पिछले सत्तर सालों में तेलंगाना राजतंत्र से आज़ाद भारत के एक प्रांत का , फिर एक भाषाई प्रांत का और आखिर में एक अलग राष्ट्रीय पहचान का राज्य बन गया है। तेलुगु में हिंदी के राष्ट्र शब्द के लिए ' जाति ' शब्द और हिंदी के ' जाति ' के लिए जाति के अलावा ' कुल ' शब्द का इस्तेमाल होता है। अब जब देश भर में हाल में जे एन यू में हुई घटनाओं के बाद से ' राष्ट्र ' और ' राष्ट्रवाद ' पर चर्चाएँ आम हैं , तेलंगाना में बैठे इस पर लिखना वाजिब लगता है। ' राष्ट्र ' के बारे में और जो भी व...