31 मई 1819 को वाल्ट ह्विटमैन का जन्म हुआ था। “ अमेरिकन बार्ड " कहे जाने वाले उन्नीसवीं सदी के अमेरिकी कवि वाल्ट ह्विटमैन को मुक्त छंद की कविता का जनक माना जाता है। 1819 से 1892 तक के अपने जीवन में उन्होंने युगांतरकारी घटनाएँ देखीं। मैं वाल्ट ह्विटमैन को अपना गुरू मानता हूँ। संकट के क्षणों में रवींद्र , जीवनानंद और नज़रुल की तरह ही ह्विटमैन को ढूँढता हूँ। ह्विटमैन में मुझे ऐसी गूँज दिखती है जो कुमार गंधर्व के सुर या आबिदा परवीन की आवाज़ मे सुनाई पड़ती है , जो बाब मारली की पीड़ा में सुनाई पड़ती है। उनकी लंबी कविता 'सॉंग ऑफ माईसेल्फ' के दो हिस्सों का अनुवाद :- 1 मैं उत्सव हूँ , और खुद को गाता हूँ , और चूँकि मेरा हर कण तुम्हारे भी अंदर है , जो मेरे मन में है , तुम भी उसे अपने मन में समा लो। मैं आराम से जीता हूँ और अपनी आत्मा से गुफ्तगू करता हूँ झुककर बसंत में उगी घास की पत्ती देखते हुए मैं आराम से सुस्ताता हूँ मेरी ज़बान , मेरे ख़ून का हर कतरा , इस मिट्टी से , इस हवा से बना है , यहीं थे माता पिता , जिन्होंने मुझे जन्म दिया ...