बेंगलूरू की राष्ट्रीय लॉ यूनीवर्सिटी ( विधि शिक्षा वि . वि .) के कुछ छात्रों की पहल से बनी संस्था ' क्रांति ' ने पिछले एक हफ्ते में शहर में जैसे जान डाल दी। पिछले हफ्ते शनिवार को रवींद्र कलाक्षेत्र के मुक्त आकाशी प्रेक्षागृह में कबीर कला मंच और तमिलनाड के एक दलित संगीत ट्रुप का अद्भुत कार्यक्रम था। सबसे अच्छी बात यह थी कि बड़ी तादाद में युवा मौजूद थे और उन्होंने लगातार नाचते हुए ऐसा समां बाँधा कि मज़ा आ गया। पर दूसरे दिन रविवार को फिल्मों के आयोजन में उनकी अनुपस्थिति उतनी ही अखरती रही। आनंद पटवर्धन स्वयं मौजूद थे और अपनी सभी फिल्मों के टुकड़े दिखलाने के अलावा ' जय भीम कामरेड ' पूरी दिखला कर आनंद ने विस्तार से अपनी फिल्मों पर चर्चा की। आज ' प्रतिरोध सम्मेलन ' का आयोजन था और युवाओं की अनुपस्थिति खास तौर पर अखर रही थी। प्रफुल्ल सामंतरा , आनंद तेलतुंबड़े , वोल्गा , गौतम मोदी , मिहिर देसाई , पराणजॉय गुहाठाकुरता , जया मेहता के भाषण के बाद गोआ से आई संस्था ' स्पेस ' ने अभिनय पेश किए। मैं डेढ़ घंटे की बस यात्रा कर सिर्फ अपना साथ देने के लिए गया था। आजकल ...