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Showing posts from June, 2006

इंसान की शिद्दत

मैं स्वभाव से सैलानी नहीं हूँ. कहीं जाता हूँ तो लोग कैमरे लेकर तस्वीरें खींच रहे होते हैं और मैं देख रहा होता हूँ कि एक छोटा बच्चा मिट्टी में लोट कर माँ बाप को तंग कर रहा है. पर घूमने का मौका मिलता है खुशी से साथ हो लेता हूँ. इस बार हमारे मेजबान प्रोफेसर ने रविवार को स्टोनहेंज दिखा लाने का न्योता दिया तो सोचा कि चलना चाहिए, क्योंकि स्टोनहेंज (हैंगिंग स्टोंस) ब्रिटेन की सबसे पुरानी प्रागैतिहासिक धरोहर है. तो इस रविवार हम इस अद्भुत के सामने थे. पता नहीं कितनी बार मानव और धरती पर प्राण के उद्गम के प्रसंग में स्टोनहेंज की तस्वीर देखी थी. कई लोगों ने इसे देवताओं का दूसरे ग्रहों से आकर धरती पर मानव की सृष्टि करने का प्रमाण माना है. अब वैज्ञानिक जगत में यह माना जाता है कि साढ़े पाँच सौ साल पहले समुद्र के जरिए बड़े पत्थरों को लाकर प्रागैतिहासिक मानव ने यह करामात खड़ी की. तीन अलग अलग चरणों में इसका निर्माण हुआ. कोई स्पष्ट कारण तो पता नहीं कि क्यों यह बनाया गया पर कई अनुमान हैं, जिनमें ज्योतिष, धार्मिक रस्म आदि हैं. सबसे अजीब चीज़ मुझे यह लगी कि खड़े पत्थरों के ऊपर छोटे पिरामिड के आकार के wedg...

बकौल फुर्सतिया क्या कल्लोगे भाई

हाल में टी वी पर बी बी सी चैनल पर स्पोर्ट्स रीलीफ की बनाई फिल्म देखी, जो भारत में चल रहे उनके प्रोजेक्ट्स के संदर्भ में है। इंग्लैंड से मुख्यतः मीडीया से जुड़े कुछ लोग भारत में आकर तीन जगहों में क्रिकेट खेलते हैं। पहले दो दक्षिण में त्सुनामी प्रभावित जगहें हैं। रेलवे चिल्ड्रेन नामक बच्चे जो रेलगाड़ियों में भीख माँगकर जी रहे हैँ, उनके लिए भी उनका एक प्रोजेक्ट् है। इंग्लैंड में लोग दौड़ आयोजनों में शामिल होकर पैसा इकट्ठा करते हैं, जिसे स्पोर्ट्स रीलीफ भारत जैसे मुल्कों में ऐसे प्रोजेक्ट्स में लगाती है। ऐसी फिल्मों में सबसे अद्भुत बात मुझे लगती है कि पश्चिमी मुल्कों के साफ स्वच्छ वातावरणों से आए लोग हमारे मैले कुचैले अस्वस्थ बच्चों को चाहे कैमरा के लिए ही सही, प्यार से गले कैसे लगा लेते हैं। इस फिल्म में आज के एपीसोड में दो मर्द रोते हुए दिखे, जो पश्चिमी संस्कृति के लिहाज से अनोखी बात है। हम अपने गरीबों को यूँ गले क्यों नहीं लगा सकते? मैं जब आई आई टी में पढ़ने आया, तो पहली बार घर से बाहर आने की वजह से अक्सर घर की याद में भावुक हो जाता। उन्हीं दिनों मेरे जेहन में बात बैठ गई कि हो न हो अपन...