Saturday, July 14, 2018

इसलिए मेरे अवसाद से डरता है


आम


भला आदमी

तकरीबन तंदरुस्त

ईमान की कमाई में सुबह शाम जुटा।



सुबह मुझे पूछता है

इस तरह की खबरें पढ़कर आपको अवसाद नहीं होता

पूछता है मुस्कुराता है

चिंतित मेरे बारे में



वह पढ़ता है, जैसे 'साइंस टूडे' पत्रिका

या 'पंजाब केसरी' अखबार। भगवान से डरता है

इसलिए मेरे अवसाद से डरता है।



वह जानता है कारण

मीलों दूर होती हत्याओं के

उसे चिंता नहीं होती अपनी

पत्नी या बेटी की

जिन्हें देखता मैं हर रोज खबरों में।

(दस बरस : दूसरी जिल्द-2002)

3 comments:

HARSHVARDHAN said...

आपकी इस पोस्ट को आज की बुलेटिन लीला चिटनिस और ब्लॉग बुलेटिन में शामिल किया गया है। कृपया एक बार आकर हमारा मान ज़रूर बढ़ाएं,,, सादर .... आभार।।

सुशील कुमार जोशी said...

अच्छा लिखते हो। ब्लॉग फौलोवर गैजेट उपलब्ध कराओ ताकि छपने की खबर समय पर मिलती रहे।

Champak Khurmi said...

श्रीमान बहुत अच्छा लिखा है।

"भगवान से डरता है
इसलिए मेरे अवसाद से डरता है।
वह जानता है कारण
मीलों दूर होती हत्याओं के
उसे चिंता नहीं होती अपनी
पत्नी या बेटी की
जिन्हें देखता मैं हर रोज खबरों में।"

सादर प्रणाम,
चंपक