सब ठीक
हो जाएगा
पानी
साफ हो जाएगा
मसालों
में मिलावट नहीं होगी
न
घर न दफ्तर में तनाव होगा
रात
होते ही चाँद आ गुफ्तगू करेगा
सब
ठीक हो जाएगा
बसंत
साथ घर में रहने लगेगा
गर्मी
कभी भटकती-सी
आकर मिल जाएगी
खिड़की
के बाहर बारिश रुनझुन गाएगी
हमेशा
गीत गाओगे जिनमें ताज़ा घास
की महक होगी
बेवजह
मुस्कराते हुए गले मिलोगे
दरख्तों से
सब
ठीक हो जाएगा
फिलहाल
सुबक लो। (वागर्थ - 2019)
1 comment:
बहुत सुंदर प्रस्तुति।
मेरे ब्लॉग पर आपका स्वगात है।
iwillrocknow.com
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