Thursday, December 21, 2006

लाल्टू डॉट जेपीजी


लो भई अफलातून, तुम्हारी तस्वीर। मतलब मेरी। जिसने स्कैन किया, उसने फाइल का नाम रखा, लाल्टू डॉट जेपीजी। बड़ी मेहनत करनी पड़ी इसे अपलोड करने में। पता नहीं क्या माजरा है, ब्लॉगस्पॉट के पेजेस खुलना ही नहीं चाहते। जब खुलते हैं तो जाने कौन सी भाषा खुलती है, जो रामगरुड़ की समझ से बाहर है। लगता है सभी पन्नों पर काम चल रहा है।
ये लो, अपलोड होते होते रुक गया। अरे भई, रात हो गई, अभी अभी नए मकान में शिफ्ट किया है, अब जल्दी करो और सोने दो।
Ah! Finally...
साइनबोर्ड पर लिखा है - हँसना मना है।

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