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Location: हैदराबाद, तेलंगाना, India

बेहतर इंसान बनने के लिए संघर्षरत; बराबरी के आधार पर समाज निर्माण में हर किसी के साथ। समकालीन साहित्य और विज्ञान में थोड़ा बहुत हस्तक्षेप

Thursday, November 24, 2005

अभी ब्रेक चलेगा

कल लुधियाना, परसों अबोहर।
इसलिए फिलहाल ब्रेक चलेगा।
शायद रविवार को वापस वक्त मिले।
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भारत में जी

बायोटेक्नोलोजी, फेनोमेनोलोजी, ऐसे शब्द है जिनमें आखिर में जी आता है ।
ऐसे शब्द मिलकर गीत गाते हैं । शब्द कहते हैं बैन्ड बजा लो जी।
इसी बीच भारत बैन्ड बजाता हुआ चाँद की ओर जाता है।

चाँद पर कविता उसने नहीं पढ़ी।
भारत को क्या पड़ी थी कि वह जाने चाँद को चाहता है चकोर।
भारत ने चाँद जैसे सलोने लोगो से कह दिया
– ओ बायोटेक्नोलोजी, बैन्ड बजा लो जी।
ओ चाँद बजा लो जी, ओ फेनोमेनोलोजी ।

चाँद जैसे लोगो ने कहा – हड़ताल पर जाना देशद्रोह है।
चाँद उगा टूटी मस्जिद पर। ईद की रात चाँद उगा ।
हर मजलूम का चाँद उगा ।
भारत में। जी।

(फरवरी-२००३; पश्यंती- २००४)

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1 Comments:

Blogger आलोक said...

मात्राएँ ठीक से नहीं दिख रहीं तो यहाँ जाएँ -
Why can't I see the Hindi section?

4:59 PM, November 25, 2005  

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