आज हिन्दू में सिद्धार्थ वरदराजन का बहुत ज़रूरी लेख छपा है। कल एक साथी पूछ रहा था कि क्या माइनिंग बंद हो जाये तो हिंसा रुक जाएगी? में उसे कहना चाहता था कि तुम गलत सवाल पूछ रहे हो। पर माओवादियों ने ऐसा माहौल तैयार कर लिया है कि लोग यह कम पूछ रहे हैं कि जनता का हक़ क्या है और सरकार जनता के खिलाफ जंग कब बंद करेगी - यानी कि हिंसा मुख्य बात हो गयी है। सिद्धार्थ का लेख इस बात पर ध्यान दिलाता है कि हम किसी भी पक्ष की हिंसा को वाजिब नहीं ठहरा सकते।
No comments:
Post a Comment