Friday, August 07, 2015

तुम हवा थे और मैं समंदर


सेरा टीसडेल की कविताएँ


अमेरिकी कवि सेरा टीसडेल को मैंने सबसे पहले रे ब्रैडबरी की अंग्रेज़ी कहानी 'अगस्त 2026: और आएँगी हल्की फुहारें' का अनुवाद करते हुए पढ़ा। यह अनुवाद 1996 में 'साक्षात्कार' में छपा था। कहानी में नाभिकीय जंग के बाद की स्थिति में एक ऐसे घर का विवरण है, जहाँ कोई इंसान नहीं है, पर इंसान की पहचान हर चप्पे पर है। यंत्रों की सहायता से घर में नियमित गतिविधियाँ चलती हैं, और उसी सिलसिले में कहीं सेरा टीसडेल की इसी शीर्षक की कविता पढ़ी जाती है। कविता में अद्भुत जिजीविषा दिखती है, जिससे प्रभावित होकर मैंने कवि के बारे में और जानकारी लेनी शुरू की। हाल में कुछ कविताओं का हिंदी अनुवाद शुरू किया और इस तरह यह कोशिश पाठकों के सामने है।


सेरा टीसडेल बीसवीं सदी के अमेरिका के पूर्वार्द्ध की रोमांटिक कवियों में से सबसे अधिक जानी जाती हैं। उनकी कविताओं में छंद और लय का अद्भुत मेल है। बड़ी सरल सहज भाषा में प्रेम और प्रकृति की बातें कहती उनकी कविताओं में ऐसा संगीत है, जो लंबे समय तक मन में गूँजता है। उन्हें 1918 में पुलित्ज़र पुरस्कार का पूर्व-नाम पहला कोलंबिया पोएट्री प्राइज़ दिया गया था। आलोचकों ने उनके शब्द चयन को सराहा है। अनुवाद करते हुए यह दिक्कत आती है कि मूल रचनाओं जैसे सही शब्द हिंदी में चुन पाना भाषा पर पूर्ण नियंत्रण की माँग करता है। मिज़ूरी राज्य के सेंट लुइस शहर में 8 अगस्त, 1884 में जन्मी सेरा ने 1933 में खुदकुशी कर ली। उन्होंने 1914 में अर्न्स्ट बी. फिलसिंगर से विवाह किया, पर 1929 में उनका तलाक हो गया। उनके संग्रहों में 'सॉनेट्स टू ड्यूज़ (1907)', 'हेलेन ऑफ ट्रॉय ऐंड अदर पोएम्स (1911)', 'रिवर्स टू द सी (1915)', 'लव सॉंग्स (1917)' और 'डार्क ऑफ द मून (1926)', 'फ्लेम ऐंड शैडो' आदि हैं। उन्होंने 1917 में 'द ऐन्सरिंग वॉयस: ए हंड्रेड लव लिरिक्स बाई वीमेन (1917)' का संपादन भी किया।

'सदानीरा' के ताज़ा अंक में  सेरा टीसडेल की तैंतीस कविताओं का अनुवाद है। इनमें से तीन यहाँ पेस्ट कर रहा हूँ। पहली कविता का एक और अनुवाद एकबार पहले भी पोस्ट किया था।

Night Song at Amalfi

I asked the heaven of stars
What I should give my love --
It answered me with silence,
Silence above.

I asked the darkened sea
Down where the fishers go --
It answered me with silence,
Silence below.

Oh, I could give him weeping,
Or I could give him song --
But how can I give silence,
My whole life long?

आमाल्फी में रात्रिगान

(आमाल्फी इटली का छोटा शहर है)

तारों भरे नभ से पूछा मैंने

अपने प्रिय को क्या दूँ
जवाब था उसका चुप्पी भर
एक चुप फैली थी ऊपर

पूछा काले सागर से
दूर जाते मछुआरे जहाँ-- 
जवाब था वही चुप्पी बस
फैली चुप गहराई तक वहाँ

दे सकती हूँ रोना उसको
या दे सकती हूँ गान
पर कैसे दूँ उसे चुप का
यूँ जीवन भर दान?
 
I Shall Not Care

WHEN I am dead and over me bright April 
Shakes out her rain-drenched hair,

I shall not care.

Tho' you should lean above me broken-hearted,


I shall have peace, as leafy trees are peacefulWhen rain bends down the bough, 
Than you are now.

And I shall be more silent and cold-hearted



परवाह नहीं

मेरे मरने पर जब बहार


झाड़ेगी मुझ पर बरखा-भीगे बाल

मुझे न होगी परवाह  
ग़मगीन तुम मुझ पर झुको तो क्या

जैसे पत्तों भरे पेड़ शांत होते हैं, मुझमें शांति होगी
जब बारिश झुकेगी डार पर से
अभी जितने दिखते हो तुम
खामोश और सख्त मैं होऊँगी ज्यादा उससे।

After Love

There is no magic any more,
      We meet as other people do,
You work no miracle for me
      Nor I for you.

You were the wind and I the sea—
      There is no splendor any more,
I have grown listless as the pool
      Beside the shore.

But though the pool is safe from storm
    And from the tide has found surcease,
It grows more bitter than the sea,
      For all its peace.

इश्क के बाद

कोई जादू नहीं बचा, 
औरों जैसे ही हम मिलते हैं 
तुम कोई चमत्कार अब नहीं मेरे लिए
मैं भी नहीं तुम्हारे लिए 

तुम हवा थे और मैं समंदर- 
अब कोई शौकत नहीं बची
साहिल पर बन आए पोखर जैसी
मैं हो गई बेजान

पोखर तूफाँ से बचा हुआ है गो
और अलग थमा हुआ है उफनती लहरों से
 समंदर से भी ज्यादा तड़पता है वो
दिखता हो चाहे कितना शांत।

1 comment:

शिवनारायण गौर said...

बहुत सुन्दर कविताएं हैं और आपका अनुवाद भी ग्राह्य..अुनवाद पढ़कर ओरिजनल रचना लगती है...। बधाई इस बढि़या काम के लिए।
श‍िवनारायण