My Photo
Name:
Location: हैदराबाद, तेलंगाना, India

बेहतर इंसान बनने के लिए संघर्षरत; बराबरी के आधार पर समाज निर्माण में हर किसी के साथ। समकालीन साहित्य और विज्ञान में थोड़ा बहुत हस्तक्षेप

Tuesday, February 17, 2015

ग़जब


आम
भला आदमी
तकरीबन तंदरुस्त
ईमान की कमाई में सुबह शाम जुटा।

सुबह मुझे पूछता है
इस तरह की खबरें पढ़कर आपको अवसाद नहीं होता
पूछता है मुस्कुराता है
चिंतित मेरे बारे में

वह पढ़ता है, जैसे 'साइंस टूडे' पत्रिका
या 'पंजाब केसरी' अखबार। भगवान से डरता है
इसलिए मेरे अवसाद से डरता है।

वह जानता है कारण
मीलों दूर होती हत्याओं के
उसे चिंता नहीं होती अपनी
पत्नी या बेटी की
जिन्हें देखता मैं हर रोज खबरों में।

(दस बरस : दूसरी जिल्द-2002)

Labels:

0 Comments:

Post a Comment

<< Home