Friday, May 01, 2009

गाँधीवाद या नक्सलवाद, तुम सच्चाई से डरते हो

बिनायक सेन को जेल में भरने के पीछे सिर्फ संघी हठवादिता नहीं, नक्सलवाद का हौव्वा हर कोई इस्तेमाल करता है। प्रधानमंत्री श्री मनमोहन सिंह ने कई बार कहा है कि देश को सबसे बड़ा खतरा नक्सलवाद से है।

है कौन सा देश हे मनमोहन, जिसकी बातें करते हो
मेरा देश भी है मनमोहन, जिससे डरते रहते हो

यह सही कहा है तुमने कि खतरा बड़ा है देश को
यूँ अपने देश में मनमोहन, हमें कहाँ तुम गिनते हो

मेरे देश में हे मनमोहन, लड़ते हैं, मरते हैं लोग
तेरे देश में हे मनमोहन, यूँ ज़मज़म जेबें भरते हो

यहाँ बाढ़ है वहाँ है दंगा, ये मेरा तेरा देश मनोहर
मेरे देश में आ मनमोहन, डगर डगर फिसलते हो

तेरे देश में हे मनमोहन, किसको नींद है आती
डरावने सपनों से घबराते, क्यों खर्राटे भरते हो

गाँधीवाद या नक्सलवाद, तुम सच्चाई से डरते हो
भूखे पेटों को मनमोहन, क्यूँ गप्पों से यूँ भरते हो।

6 comments:

श्यामल सुमन said...

किसी को पेट भरने को मयस्सर भी नहीं रोटी।
बहुत से लोग खा खाकर यहाँ बीमार होते हैं।।

यदि मुँह मोड़ भी लें तो ये दहशत खत्म होगा क्या?
ये चालें हैं शुतुरमर्गी यहाँ दीदार होते हैं।।

सादर
श्यामल सुमन
09955373288
www.manoramsuman.blogspot.com
shyamalsuman@gmail.com

कपिल said...

लाल्‍टू जी नमस्‍ते। जोरदार कविता।

दिनेशराय द्विवेदी said...

लाल्टू जी मई दिवस पर बधाई, आप सही कहते हैं।

Anonymous said...

Dear Laltu da,

Bawal kivita likhi hai...bahut dinon ke baad rhythm men padhane ko mili.

Lallan avam Sunil

डॉ महेश सिन्हा said...

नक्सलवाद क्या हवा हवाई है , वास्तविकता नहीं ?

संदीप said...
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