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18. हर रात अब अमावस की रात होगी

फरिश्तों से कह दो
 

वे अब न आएँ
 

वे तुम्हारा हाथ नहीं थाम पाएँगे
 

मैंने सारी धरती पर काँटेदार बाड़े लगा दिए हैं
 

हर प्रवेशद्वार पर नुकीले त्रिशूल लिए खड़े हैं
 

चिलम सी धधकती आँखों वाले प्रहरी

 

चाँद को रोक दिया है मैंने
 

हर रात अब अमावस की रात होगी

 

कोई जादू, ताबीज़, मंत्र-तंत्र काम नहीं आएगा
 

कापालिक रक्तपिपासु मेरे साथ हैं
 

सभी मठों पर कब्जा है
 

मेरे अवधूतों का
 

हर धाम ख़ून की आरती चढ़ाई जाती है मेरे आका को।

 

Send a word to the angels
 

They must not visit any more
 

They will not be able to hold your hand
 

I have put a barbed fence all around the Earth
 

Sentries with glowing pot like eyes
 

Guard every entrance with pointed tridents 

 

I have stopped the moon
 

It will be a new moon every night now

 

No magic, amulets, tantra or spells will work
 

The bloodthristy skull-carriers are with me
 

The ascetics I own rule all monasteries
 

My master is worshipped in each of them
 

With blood servings.

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