मेरे
पूर्वसूरी कविता लिखते थे
मैंने
कोशिश की
और
जाना कि
जिस
अँधेरे में हूँ वहाँ
कविता
नहीं होती।
गुस्से
में हाथ आई सभी कविता की किताबें
फाड़
कर आग में जला दीं
जलते
कागज में से कोई आवाज़
आ-आ
कह जाती
कि
जहाँ प्यार नहीं
वहाँ
कविता नहीं होती।
मैंने
कल्पना में दुनिया की
सबसे
खूबसूरत औरत को देखने की कोशिश
की।
हड्डियों
का ढाँचा वह आती
होंठों
में काला पड़ा ख़ून
कोशिश
की कि उसे मुस्कराता देखूँ
होंठ
खुलते दिखते
उसके विषैले दाँत
वह
चबाती कागज़ के पन्ने
जिन
पर बेहतरीन कविताएँ लिखी
होतीं।
सोचा
कि उसके उन्माद पर कविता लिखूँगा
कपड़े
उतार कर
उसके
वक्ष नितंब देखूँगा
पर
उसका शरीर काँटेदार रोंओं से
भरा था
एकबारगी
चीखे बिना नहीं रहा गया
कि
ऐसी ही कविता लिखनी है मुझे।
Those
who came before me wrote poems
I
tried
And
learned that
The
darknss in which I dwell
Does
not allow poetry.
I
was angry and I burnt
All
the books that I could find.
A
voice kept reaching me
From the
burning papers
That
poetry does not grow
Where
Love does not exist.
I
tried to imagine
The
prettiest woman in the world
She
appeared, a skeleton
With
dark blood on her lips
I
tried to see her smile
Venom fangs appeared as she opened her lips
She
ate sheets of paper
With
poems written on them.
Then
I thought of writing a poem on her insanity
That
I would take her clothes off and
And
see her breasts and her behinds
But
her body was filled with thorny hair
And
for once I could not help screaming
That
this is the poetry I write.
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