My Photo
Name:
Location: हैदराबाद, तेलंगाना, India

बेहतर इंसान बनने के लिए संघर्षरत; बराबरी के आधार पर समाज निर्माण में हर किसी के साथ। समकालीन साहित्य और विज्ञान में थोड़ा बहुत हस्तक्षेप

Friday, February 03, 2006

मैं

कितना छिपा
कितना उजागर
इसी उलझन में मग्न।

कुछ यह
कुछ वह
हर किसी को चाहिए
एक अंश मेरा

कुछ उदास
कुछ सुहास
कुछ बीता
कुछ अभी आसन्न।

सच
मैं
वही अराजक
तुम्हारी कामना
वही अबंध
तुम्हारा ढूँढना

कुछ सुंदर
कुछ असुंदर
कुछ वही संक्रमण लग्न।

(५ अक्तूबर २००२)

Labels:

1 Comments:

Blogger Pratyaksha said...

वाह !

4:43 PM, February 06, 2006  

Post a Comment

<< Home