मिट्टी
चारों तरफ जंगें चल रही हैं
और हम तुम प्यार की बातें करते हैं
कई हमारी हरकतों से परेशान हैं
कहते हैं कि ओए, किस गड्डी में बैठे हो
सामने भारत माता की जै तो लिखा नहीं है
उन्हें अनदेखा कर हम एक दूसरे पर मिट्टी मल रहे हैं
मिट्टी मलते हुए हम धरती को एक दूसरे से साझा कर रहे हैं
धरती के आँसू हमारे पसीने में घुल रहे हैं
हमें किसी से कुछ नहीं कहना है
वे एक दूसरे की हत्या कर शहीद कहलाते हैं
हम मिट्टी में कीड़ों से दोस्ती करते हैं
जंग का शोर हमें छू नहीं पाता
अमेरिका और हिंदुस्तान किसी से लड़ते रहते हैं
हम कविताएँ पढ़ते रहते हैं। (2016; अकार - 2021)
Earth
There are wars going on all around
And we are talking love
Many are bugged by our manners
They say, Hey, what cart are you riding
It does not say Glory to Motherland on it
We ignore them and paste clay on each other
Pasting mud we share the Earth with each other
Earth cries its tears into our sweat
We have nothing to say to any one
They kill each other and are called martyrs
We make friends with insects in the mud
The din of wars does not touch us
Amerika and Hindostan keep battling with somebody
We read poems.
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