24 नवंबर को यह फेसबुक पर पोस्ट किया था -
David N. Dinkins, a barber’s son who became
New York City’s first Black mayor, ... has died.
1989 में डिंकिंस जब मेयर बना, तब मैं हरदा में एकलव्य
संस्था के साथ बतौर यू जी सी टीचर फेलो काम कर रहा था।
इसके कुछ समय बाद नेपाल में पहली बार कम्युनिस्ट पार्टी
ने चुनाव जीता था। इन प्रसंगों का उल्लेख एक कविता में
किया था, जो अभय दुबे संपादित 'समय चेतना' में आई थी।
कविता एक ख़त के पोस्ट-स्क्रिप्ट की तरह है, इसलिए
शीर्षक 'पुनश्च' है - कोष्ठक में चारों ओर बदल रहे माहौल की
हताशा में लिखी गई बातें - उन दिनों ईला अरुण का एक
गीत लोकप्रिय हुआ था, उसका भी जिक्र है; एक और नाम
है, जो प्रतिबद्ध साथियों में अचानक आए बदलाव का प्रतीक
है।
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पुनश्च
.
हाँ, नेपाल में जीते हैं कम्युनिस्ट।
जब डिकिंस न्यूयॉर्क का पहला काला मेयर बना था, हमने
हरदा में बैठकर गीत गाए थे। आज तुम तक जब यह ख़त
पहुँचेगा,
काठमांडो में आसमान लाल होगा। ऐसे झूम रही होगी हवा
जैसे अड़सठ में कलकत्ता।
(डिकिंस भी गया। अड़सठ की हवा में पुराने तालाब के
दलदल-सी गंध
आ गई। हम हो गए दूर, चढ़ गए बसों पर जाने कितने लोग।
कहते हैं कि
इतिहास बदल गया। सुखराज जाली पासपोर्ट लेकर
आईसक्रीम बेचता है
अमेरिका में, वहीं-कहीं
चोली के पीछे है माइकल जैक्सन।
बहरहाल तुम आओगी तो बैठेंगे, हालाँकि अब बढ़ चुका है
बेसुरापन। बस
पर चढ़ने से बची कविता होगी। हो सकता है नेपाल के पहाड़
लाल
सूरज जैसे तमतमाते रहें, सच तो यह कि अड़सठ ज़िंदा है
हमारे बेसुरे गीतों में)।
1994; समय चेतना - 1996
**
1992 में न्यूयॉर्क में पार्क एवेन्यू के एक बहुमंज़िला मकान
की 21वें मंज़िल के एक फ्लैट में रह रहा था। इमारत के
बेसमेंट में एक दूकान थी, जिसमें एक रात आग लग गई। हम
सब को रात शहर की बसों में गुजारनी पड़ी। शहर के दीगर
और अधिकारियों के साथ डिकिंस भी लोगों से मिलने आया।
हमने हाथ मिलाया। एकबार मन हुआ कि बंदे को बतलाऊँ
कि जब मेयर बना तो हम हरदा में बैठे जश्न मना रहे थे। पर
कह न पाया।
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