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चुपचाप अट्टहास - 33

मुर्दा शांति तुम्हारे अंदर
जो कुछ भी टूट रहा जुड़ रहा चारों ओर
ये लक्कड़ लोहे की चीखें
तुम्हारे अंदर से आती मुर्दा शांति की आवाज़ है

मैंने निर्णय लिया बहुत पहले कभी
कि अपने अंदर अशांति भर लूँगा
भस्म होती
रहे धरती  

मैंने देखीं इंसान की औलादें सूअर के पिल्लों जैसी
और तय किया कि
भस्मासुर बन जाऊँगा
हो जाए भस्म हर कुछ
लपटें आग की उठें धू-धू
भर जाए आस्मान धुँए से
इसी धुँए से बनेगी मेरी प्राणवायु
मैं मुक्त हुआ प्रेम से
खालीपन जम गया मेरे अंदर।

You have a dead quiet within you
All that disintegrates and reforms all around
The metals and non-metals screeching
It is the dead quiet within you

I figured a while back
That I will fill myself with disquiet
Let the Earth be demolished

I saw human offspring no different form baby pigs
And decided
To become Bhasmasura, the destroyer
Let all be destroyed
Flames of fire rising high up
The sky filled with smoke
That smoke is what gives me life
I am liberated from love
Emptiness settled within me.

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