चुपचाप अट्टहास -30
कण-कण में चाहत
हर कण चाहत
दाने की चाहत कि उसे चबाया जाए
पानी की कि पीया जाए
चाहतें पूरी करने के लिए कौन क्या नहीं करता
बीज से दाना या समंदर से बारिश तक की यात्राएं चाहत हैं
मेरी चाहत कि हुकूमत करूँ
यात्रा मेरी छोटी कैसे हो सकती
बिकना-बिकाना, कत्ल और ख़ूँ के खेल
कैसे न हो यह सब
कण-कण में चाहत
हर कण चाहत।
Desire defines every atom
Every atom is a desire
A grain desires to be devoured
Water to be drunk
We all go far to fulfill our desires
A seed becoming a grain and the ocean transforming to rains are desires
It is my desire that I must rule
Naturally it is a long journey
To buy and to sell, to kill and to play with blood
How could I not do it all
Desire defines every atom
Every atom is a desire.
कण-कण में चाहत
हर कण चाहत
दाने की चाहत कि उसे चबाया जाए
पानी की कि पीया जाए
चाहतें पूरी करने के लिए कौन क्या नहीं करता
बीज से दाना या समंदर से बारिश तक की यात्राएं चाहत हैं
मेरी चाहत कि हुकूमत करूँ
यात्रा मेरी छोटी कैसे हो सकती
बिकना-बिकाना, कत्ल और ख़ूँ के खेल
कैसे न हो यह सब
कण-कण में चाहत
हर कण चाहत।
Desire defines every atom
Every atom is a desire
A grain desires to be devoured
Water to be drunk
We all go far to fulfill our desires
A seed becoming a grain and the ocean transforming to rains are desires
It is my desire that I must rule
Naturally it is a long journey
To buy and to sell, to kill and to play with blood
How could I not do it all
Desire defines every atom
Every atom is a desire.
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