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ਕੋਈ ਰੂਹਾਨੀ ਫ਼ਲਸਫ਼ਾ ਨਹੀਂ ਬਚੇਗਾ - चुपचाप अट्टहास-26 का पंजाबी अनुवाद

प्यारी साथी जतिंदर ने पिछली पोस्ट वाली कविता का पंजाबी में अनुवाद किया है।


ਕੋਈ ਰੂਹਾਨੀ ਫ਼ਲਸਫ਼ਾ ਨਹੀਂ ਬਚੇਗਾ



ਮੈਂ ਭਵਿੱਖ

ਮਾਨਤਾਵਾਂ, ਮੁੱਲਾਂ ਨੂੰ ਖਾਰਿਜ ਕਰਦਾ

ਖ਼ਾਲਸ ਲਹੂ ਦੀ ਤ੍ਰੇਹ ਨੂੰ ਮੂਹਰੇ ਰੱਖਦਾ

ਨਵਾਂ-ਨਵੇਰਾ ਭਵਿੱਖ।



ਜਿਹੜੇ ਹਾਲੇ ਤੱਕ ਕਾਲੇ ਮੀਂਹ ਦੀ ਵਾਛੜ 'ਚ ਨਹੀਂ ਭਿੱਜੇ

ਜਿਨ੍ਹਾਂ ਨੂੰ ਅਜੇ ਪਿਆਰ ਦਾ ਆਸਰਾ ਹੈ

ਤਿਆਰ ਹੋ ਜਾਓ ਕਿ

ਤੁਹਾਡੀ ਖੱਲ ਤੋਂ ਅੰਬਰ ਤੀਕ ਫੈਲਣਗੇ ਵਿਰਲਾਪ ਕਰਦੇ ਬੱਦਲ਼

ਗਹਿਰੇ ਹੁੰਦੇ ਜਾਂਦੇ ਅੰਨ੍ਹੇ ਖਾਲੀਪਣ ਵਿੱਚ

ਮੇਰਾ ਸਾਥ ਰਵੇਗਾ ਹਰ ਪਲ ਤੁਹਾਡੇ ਨਾਲ

ਹਰ ਪਲ ਤੁਫ਼ਾਨ ਦਾ ਖ਼ਦਸ਼ਾ ਹੋਵੇਗਾ

ਹਰ ਪਲ ਰੁਕੀ ਹੋਵੇਗੀ ਹਵਾ

ਅੱਖਾਂ ਵਿੱਚ ਜ਼ਹਿਰ ਘੁਲਦਾ ਚਲਿਆ ਜਾਵੇਗਾ

ਮੇਰੀਆਂ ਵਿਉਂਤਾਂ ਫੈਲ ਜਾਣਗੀਆਂ ਪਿੰਡ, ਸ਼ਹਿਰ,ਹਰ ਪਾਸੇ

ਕਿਤੇ ਕੋਈ ਪਿਆਰ ਨਹੀਂ ਬਚੇਗਾ

ਕੀੜੀਆਂ ਵਾਂਗ ਰੇਂਗਣਗੀਆਂ ਇਨਸਾਨੀ-ਫ਼ੌਜਾਂ



ਕੋਈ ਰੂਹਾਨੀ ਫ਼ਲਸਫ਼ਾ ਨਹੀਂ ਬਚੇਗਾ

ਰੂਹ ਲਫ਼ਜ਼ ਬਾਕੀ ਨਹੀਂ ਰਹੇਗਾ



ਮੈਂ ਭਵਿੱਖ

ਮਾਨਤਾਵਾਂ,ਮੁੱਲਾਂ ਨੂੰ ਖਾਰਿਜ ਕਰਦਾ

ਖ਼ਾਲਸ ਲਹੂ ਦੀ ਤ੍ਰੇਹ ਨੂੰ ਮੂਹਰੇ ਰੱਖਦਾ ਨਵਾਂ,ਨਵੇਰਾ,ਭਵਿੱਖ।



(चुपचाप अट्टहास-26 का अनुवाद – जतिंदर कौर द्वारा)

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