चाहता रहा कि ऊपर चढ़ता जाऊँ
इतना कि हर कोई चींटी से भी छोटा दिखे
तुम अपने कद के ऊपर या नीचे नहीं देखना चाहते
ऊपर चढ़ते हुए मैं खुद औरों की नज़रों में बौना होता रहा
तुम औरों को खींच कर अपने कद तक लाने में हुए लहूलुहान
ब्रह्मांड के नियम ऐसे ही हैं
शिकार होते हैं हम अपनी इच्छाओं का
इच्छाएँ आती हैं
अंतर्मन में अंजाने ही गहरे कहीं घर कर जाती हैं
वहीं से चलते हैं चाकू छुरी हथियार
शून्य से भरे इस देह में
हम रोते हैं
इतिहास के पास शिकवा ले जाते हैं
हवाएँ कातिल या मसीहा बनाकर
साँय-साँय ले जाती हैं हमें कायनात के कोनों में
शिकार हम उड़ते गिरते रहते हैं
पटखनियाँ खाते।
I desired to rise so far up
That everyone should appear like an ant
Yo do not worry about beings taller or shorter
As I moved high up
Others found me lesser
You were left to nothing in raising others to your heights
Such are the rules of the universe
We are victims of our desires
Desires come
And find place in the inner mind unknowingly
From there are shot the bullets, the arrows
We lament in our bodies
Made of emptiness
We carry our resentments to history
And the winds act as the killer or the messiah
Whirring us away to the corners of the universe
We as prey rise and fall
All flat.
इतना कि हर कोई चींटी से भी छोटा दिखे
तुम अपने कद के ऊपर या नीचे नहीं देखना चाहते
ऊपर चढ़ते हुए मैं खुद औरों की नज़रों में बौना होता रहा
तुम औरों को खींच कर अपने कद तक लाने में हुए लहूलुहान
ब्रह्मांड के नियम ऐसे ही हैं
शिकार होते हैं हम अपनी इच्छाओं का
इच्छाएँ आती हैं
अंतर्मन में अंजाने ही गहरे कहीं घर कर जाती हैं
वहीं से चलते हैं चाकू छुरी हथियार
शून्य से भरे इस देह में
हम रोते हैं
इतिहास के पास शिकवा ले जाते हैं
हवाएँ कातिल या मसीहा बनाकर
साँय-साँय ले जाती हैं हमें कायनात के कोनों में
शिकार हम उड़ते गिरते रहते हैं
पटखनियाँ खाते।
I desired to rise so far up
That everyone should appear like an ant
Yo do not worry about beings taller or shorter
As I moved high up
Others found me lesser
You were left to nothing in raising others to your heights
Such are the rules of the universe
We are victims of our desires
Desires come
And find place in the inner mind unknowingly
From there are shot the bullets, the arrows
We lament in our bodies
Made of emptiness
We carry our resentments to history
And the winds act as the killer or the messiah
Whirring us away to the corners of the universe
We as prey rise and fall
All flat.
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