साहिल
के पास नहा रहे हैं युवक अट्ठाईस,
परस्पर
स्नेह में बँधे हुए युवक
अट्ठाईस;
स्त्री
जीवन और हा,
इतने
एकाकी वर्ष अट्ठाईस।
वह
तट के पास की चढ़ाई पर बने
खूबसूरत मकान की मालकिन है,
खिड़की
के पर्दे के पीछे,
सजी-धजी,
सुंदर
वह छिपी खड़ी है।
युवकों
में से कौन उसे सबसे ज्यादा
भाता है?
आह,
जो
सबसे सादा है,
वही
उसके लिए खूबसूरत है।
कहाँ
चल पड़ी,
भद्रे?
मुझसे
नहीं छिप पाओगी,
देखता
हूँ तुम्हें पानी छपकाते,
जबकि
अपने कमरे में अनछुई खड़ी हो।
उनतीसवीं
नहानेवाली साहिल पर आई नाचती,
खिलखिलाती,
और
किसी ने उसे नहीं देखा,
पर
उसने सबको देखा और
उनसे
प्यार किया।
युवकों
की दाढ़ियाँ गीली चमक उठीं,
उनके
लंबे बालों से पानी बह चला,
उनके
शरीरों पर चारों ओर छोटी-छोटी
नहरें बहने लगीं।
एक
अदृश्य हाथ भी उनके बदनों पर
से गुजरा,
काँपते
हुए वह उनकी कनपटियों और पसलियों
से उतरा।
युवक
पीठ पर लेटे तैरते हैं,
उनके
गोरे पेट सूरज की ओर फूल गए
हैं, वे
पूछते
नहीं कि कौन उनको जकड़े
हुए है,
वे
जानते नहीं कि कौन है जो तिरछी
पीठ आगे पीछे लहराते हुए हाँफ
रहा है.
वे
सोचते नहीं कि वे किसपर पर
पानी छिड़क रहे हैं।
******
वाल्ट
ह्विटमैन की लंबी कविता 'सॉंग
ऑफ माईसेल्फ'
के दो
हिस्सों का
अनुवाद मई में पोस्ट किया था। 'सदानीरा' के ताज़ा अंक में उन दो के साथ
कुछ और हिस्सों का अनुवाद आया है। ऊपर की कविता उन्हीं में से एक है।
एक छोटा आलेख साथ में है - वह अगली बार।
अनुवाद मई में पोस्ट किया था। 'सदानीरा' के ताज़ा अंक में उन दो के साथ
कुछ और हिस्सों का अनुवाद आया है। ऊपर की कविता उन्हीं में से एक है।
एक छोटा आलेख साथ में है - वह अगली बार।
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