Wednesday, October 15, 2014

हम मिथक जीते हैं


संशय



हमेशा संशय रहता है
ठीक ही हूँ न?

कितने लोगों को आज सूर्योदय से अगले साल इसी दिन सूर्योदय तक अपनी पहचान बदलनी है? फूल कुतरने की मशीनों की रफ्तार बढ़ती जा रही है। हम मिथक जीते हैं और तय करते हैं कि आज कौन बलि चढ़ रहा है। एक दिन राजकुमार आएगा और राक्षस को मार डालेगा।

राक्षसों ने लाटरियाँ बंद कर दी हैं।
किसी ने दोलन चक्रों पर काम किया है?


(2009; 'नहा कर नहीं लौटा है बुद्ध' में संकलित')

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