Monday, July 01, 2019

एक धुन ज़मीं से उठेगी


धरती मेरे अश्क पी जाएगी


मैंने दरख्तों से खूब बातें की हैं
हवा के साथ बहता मैं छू आया हूँ पत्तों को बार-बार
यह धरती मुझे प्यारी है; बार-बार इस पर लोटता हूँ
जो कुछ जानना ढूँढना है, इसी के सीने पर मुझे मिला है
ज़हन के हर तिलिस्म में समाई हुई है मेरी धरती
यही जानो-तन मेरी, वतन मेरी, मेरी धरती।


किसी भी दिन मैं चला जाऊँगा
तो जा कर भी यहीं रहूँगा
कायनात के अंजान कोनों से चल कर
खुदा मुझसे मिलने आएगा मर्सिया पढ़ने
मैं कहूँगा कि मेरे माँ-बाप पुरखे सारे
इसी धरती की गोद में चले गए


उनसे विरासत में मिली मुझे मेरी धरती
पंछी नहीं कोई पास तो क्या
सारे पंछी मेरे साथ ही चले गए
दरख्तों को मेरी हर बात याद है
वे झूमते रहेंगे अनंत काल तक
कि मैं उनसे बातें करने आया था

अब मैं जरा रो लूँ
सपनों में रोऊँ या जागकर
धरती मेरे अश्क पी जाएगी
अकेला नहीं रहूँगा अपने सुख में
रोएगी धरती साथ-साथ
एक धुन ज़मीं से उठेगी
साँसों की, धड़कनों की, प्यार की,
मेरा जाना धरती में समाना। 

(पहल - 2019)

The Earth Will Swallow My Tears
I have talked a lot with the trees
I have flown with the wind and touched the leaves many times
This Earth I love, I lie and frolic on it again and again
Whatever I have to discover and know, I found it  on its chest
My Earth is there in every magic mystery of my brains
This my heart and soul, my land, my Earth.

I will be gone any day
And yet after leaving I will be here
From unseen ends of the creation
the Lord will come to read requiem for me
I will tell him that my forefathers,
they all went in this Earth's lap

I inherited from them my Earth
If no bird is around, so be it
All birds are gone with me
The trees remember everything about me
They will dance endlessly
remembering my conversations with them

Let me now cry a bit
I will cry in my dreams or maybe awake
The Earth will swallow my tears
I will not be alone in my joy
The Earth will weep together with me
A sound of music will rise from the ground
Of my breath, of heart-beats, of love
As I go and dissolve in Earth. 






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