काँप
उठता हूँ उस पहली वारदात को
याद कर
सचमुच मैं था
खिड़की
से एक जलता शहर देखता
न
जाने कितनी बार मैंने नकारा
वह सच
कहा
गला फाड़ कि नहीं
नहीं
नहीं नहीं
मैंने
कोई हत्या नहीं की
मेरे
दामन में नहीं कोई ख़ून का धब्बा
झूठ शक्ल को बदल रहा
होगा
स्याह पड़ रहा होगा मेरा नक्श
बुझ रही होगी प्यार
की आखिरी लौ
नहीं
नहीं नहीं
मैंने हत्या नहीं की
मेरे
दामन में नहीं कोई ख़ून का धब्बा
पाक
साफ हैं लफ्ज़ जो उस ज़ुबान
में हैं
जो
मेरी ज़बान पर तुम्हारे लिए
चलती है
मेरे
आका के लिए भाषा कुछ और
है
गुलाम
हूँ उसका
वह
मालिक कायनात के हर अंधकूप
का।
I
shiver thinking of that first incident
Indeed
it was I
watching
the city burning down
I
have denied the Truth many times
I
have screamed aloud that no
No,
no, no
I
never killed any one
My
skin does not carry any blood stain
Untruth
must have changed my complexion
My
features must have turned gloomy
The
last flame of love in me must have died
No,
no, no
I
never killed any one
My
skin does not carry any blood stain
Pious
clean words flow in the lingo
That
flows for you from my tongue
For
my master I have a different tongue
I
am his slave
He
who owns all depths of darkness.
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