Tuesday, February 05, 2019

सुबह हर अगली सुबह जैसा सूरज उग आया था


उसकी कहानी


वह मुल्क के एक प्रांत से दूसरे में

जा रहा था; जाते हुए वह सीटी बजा रहा था
 
शादी को हालाँकि तीन साल हो गए थे
 
वह बीबी केे बारे में ही सोचता चला था


 
स्टीयरिंग सीटी के आरोह-अवरोह के साथ बलखाती थी
 
और एकबार जब वह खड्ड में गिरते-गिरते बचा
 
पीछे से उसके साथी ने गंदी गाली निकाल उसे नसीहत दी थी
 
तो वह जोर से हँस पड़ा था
 
तो क्या उसे पता था कि उसे मारा जाना है


 
उसके मरने के बाद उसकी हँसी को अदालत में पेश किया गया
 
जिसकी याद उसके साथी को नहीं थी, जो बड़ी मुश्किल से बचा था
 
और दुनिया की हर हँसी उसके ज़हन से निकल गई थी

वह हँसी उसकी बीबी तक पहुँच गई थी
 
और जज के पूछने पर कि क्या वह हँसी उसकी आसन्न मौत बता रही थी
 
बीबी पहले से ज्यादा जोर से रो पड़ी थी और यह प्रमाणित हो गया था कि
 
सचमुच उसे पता था कि उसकी मौत सड़क पर खड़ी थी


 
जिन्होंने उसे मारा था
 
वे घर लौटकर बच्चों से खेलने में मशगूल हो गए थे
 
उसके मरने की खबर तो आनी ही थी

अखबारों में किसी और बड़ी मौत का जिक्र फैला हुआ था
 
उसका साथी
 
उसकी रोती बीबी को लेकर गाँव लौट गया था और सुबह
 
हर अगली सुबह जैसा सूरज उग आया था।      - (अदहन 2018)
 

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