Sunday, October 30, 2005

शुरुआत

हिन्दी में ब्लॉग पढ़े तो लगा कि इस प्रयास में हमें भी जुड़ना चाहिए।

आखिर हम हिन्दी में लिखते हैं और एक व्यापक पाठक समाज के साथ संबंध जोड़ने की कोशिश करते हैं तो कंप्यूटर पर क्यों नहीं!

इसी तरह यह शुरुआत।

शायद इसी बहाने हिन्दी में टाइप करने की आदत बन जाए।

आज का दिन शुभ नहीं है। कल शाम दिल्ली में जो विस्फोट हुए हैं, उनका असर हर किसी पर होगा। हमारे समय में यह हर दिन की बात हो गई है कि दंगे, फ़साद, धमाकों में हज़ारों लोग मारे जाएं और आम आदमी असहाय बोध से ग्रस्त असुरक्षित महसूस करता रहे।

बहरहाल आज होमी भाभा का जन्मदिन भी है। भाभा को आधुनिक भारत के निर्माताओं में गिना जाता है, क्योंकि विज्ञान और तकनीकी प्रगति के में वे शामिल थे। इस पर विवाद चलता रहता है (चलना भी चाहिए) कि नाभिकीय शोध और तकनीकी के लाभ और नुकसान क्या हैं और भाभा का अवदान कितना महत्त्वपूर्ण है, पर इसमें कोई दो राय नहीं है कि वे एक कर्मठ और प्रेरक व्यक्तित्व के मालिक थे।

इस दिन को भी और दिनों की तरह ही देखें।

यह शुरुआत। अब आगे कल।

2 comments:

अनूप शुक्ल said...

स्वागत है लाल्टू जी आपका हिंदी ब्लागजगत में।

मसिजीवी said...

क्‍या कहूँ। सिर्फ स्‍वागत ही नहीं बन्धु प्रतीक्षा थी आपकी। संभव है कुछ प्रतिक्रियाएं (और कभी कभी उनका अभाव) आपको खिजा दे पर मेरा अनुरोध है कि हम जैसे कुछ लोगों की खातिर जुटे रहना।