tag:blogger.com,1999:blog-18449440.post886129607178327899..comments2024-02-21T21:44:01.379+05:30Comments on आइए हाथ उठाएँ हम भी: डेढ़ महीने पहले का एक आलेखलाल्टूhttp://www.blogger.com/profile/04044830641998471974noreply@blogger.comBlogger1125tag:blogger.com,1999:blog-18449440.post-17971382355890476822012-05-09T01:08:25.099+05:302012-05-09T01:08:25.099+05:30"अमेरिकी पब्लिसिटी कंपनियों को बहुत सारा पैसा..."अमेरिकी पब्लिसिटी कंपनियों को बहुत सारा पैसा देकर एक ऐसे व्यक्ति ने अपनी साख बनाए रखने की कोशिश की है, जिसका नाम लेते हुए हर भले आदमी को शर्म आती है। यह किसका पैसा है? यह गुजरात के लोगों का पैसा है।<br />पूंजीवाद मूलत: मानव-विरोधी है। मुनाफे के लिए अमेरिकी कंपनियां कुछ भी कर सकती हैं। पर क्या सचमुच वे कुछ भी कर लें और लोग आंखें मूंदे वह मान लेंगे?"<br />अदालत के फैसले कभी मायूस करते हैं तो कभी उम्मीद जगाते हैं, लेकिन हर फैसला पुराने जख्मों को कुरेदता है और एक जालिम के मुखौटे के पीछे की वीभत्सता को उजागर कर्ता है. गुजरात २००२ पर पर्दा डालना संभव नहीं.Digamberhttps://www.blogger.com/profile/13513290747757708417noreply@blogger.com