tag:blogger.com,1999:blog-18449440.post677006623950576689..comments2024-02-21T21:44:01.379+05:30Comments on आइए हाथ उठाएँ हम भी: विजय का सेहरा एकलाल्टूhttp://www.blogger.com/profile/04044830641998471974noreply@blogger.comBlogger5125tag:blogger.com,1999:blog-18449440.post-69570031027304727852011-02-25T00:32:16.903+05:302011-02-25T00:32:16.903+05:30मिस्र के आवाम को तानाशाही पर जीत मुबारक|
ये बात और...मिस्र के आवाम को तानाशाही पर जीत मुबारक|<br />ये बात और है कि इस जीत के बाद की सरकार कितनी बेदाग और लोगों की अपेक्षाओं पर खरी उतरती है|प्रदीप कांतhttps://www.blogger.com/profile/09173096601282107637noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-18449440.post-2018101469148779332011-02-15T16:44:33.351+05:302011-02-15T16:44:33.351+05:30तथाकथित राष्ट्रवादियों को मुंहतोड़ जवाब देना जरूरी...तथाकथित राष्ट्रवादियों को मुंहतोड़ जवाब देना जरूरी है, इनकी घृणित परम्परा देश की पीठ में खंजर घोंपने की रही है. अंग्रेजों से माफी मांगने वाला सावरकर और हिटलर को आदर्श मानने वाला गोलवलकर इनके आदर्श हैं. ये निक्कर पहन कर डंडा घुमाते है और भारतीयता की बात करते हैं, इनके प्रधानमंत्री अटल ने भारत को अमरीका के हाथों बेच खाया, हमें हथियारों की अंधी दौड़ में शामिल किया, हमारे बाज़ार पर विदेशी कंपनियों का कब्जा करवाया, शर्म नहीं आती देश की बात करते हुए? हमारी संस्कृति कबीर और जायसी, रैदास और गांधी की संस्कृति है, उसमे धर्मान्धता के लिए कोई जगह नहीं है. इन्हें राष्ट्रवादी कहना राष्ट्र को गाली देना है, मैं कम्युनिस्ट नहीं, क्योंकि कम्युनिस्टों का आदर्श भी यूरोप-आधारित और केंद्रीकृत है, लेकिन मानव-मानव में द्वेष पैदा करने वाले, हिंसा और दमन को बढ़ावा देने वाले संघियों पर मैं थूकता हूँ, इन्ही लोगों के कारण भारत शर्मसार है, गुजरात में, मध्यप्रदेश में, उड़ीसा में, बार-बार इन्होने इंसानियत को शर्मसार किया है.. राष्ट्रवाद इनकी बपौती कभी न थी और न होगी. देश का आम आदमी भी इनकी असलियत को पहचानता है, <br /> आपको भी मिस्र की जीत मुबारक हो, उम्मीद है वहाँ ऐसी सरकार आयेगी जो लोगों की अपेक्षाओं पर खरी उतरेगी और अमरीका और इजराइल की पिछलग्गू नहीं होगी..iqbal abhimanyuhttps://www.blogger.com/profile/15082145353058329783noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-18449440.post-22531992394188351322011-02-14T19:38:37.455+05:302011-02-14T19:38:37.455+05:30राष्ट्रवाद तो घिनौना नहीं विदेशी ताकतों के इशारों ...राष्ट्रवाद तो घिनौना नहीं विदेशी ताकतों के इशारों पर चल रहा कम्युनिज्म जरूर है. लेकिन यह देश हर घिनौनी विचारधारा से निपटना जानता है. <br /><br />तभी तो हत्यारों का समर्थक विनायक सेन जेल में हैAnonymoushttps://www.blogger.com/profile/07031096393657913902noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-18449440.post-31341094526729429562011-02-14T17:05:34.771+05:302011-02-14T17:05:34.771+05:30गए ज़माने के गुजरे लोग पुरानी बातों को याद करके आह...गए ज़माने के गुजरे लोग पुरानी बातों को याद करके आह भरा करते है.<br /><br />बेईमानी की शुरुआत नेहरु के ज़माने से ही हो चुकी थी. आज़ाद भारत का सबसे पहला घोटाले बाज कृष्णमेनन था जिसने जीप का घोटाला किया था और नेहरू ने अपनी आखें बंद लकर इस घोटालेबाज को रक्षामंत्री बना दिया था.<br /><br /><a href="" rel="nofollow">दिलीप मंडल </a> ने आज फेसबुक में लिखा है की "सरकार न मनाए और टेक्स्ट बुक में जबरन न पढ़ाया जाए, तो कई महापुरुष टाइप लोग इतिहास में खो जाएंगे" <br /><br />वैसे भी कम्युनिष्टो के महापुरुषों के बुत तो उनके देश के आने वाले लोग गिरा देते हैं.सुमोhttps://www.blogger.com/profile/03285695184931159969noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-18449440.post-63731676175413994972011-02-14T12:40:32.159+05:302011-02-14T12:40:32.159+05:30जिस तरह मिस्र में लोग इकठ्ठे हुए हैं, उसी तरह चीन ...जिस तरह मिस्र में लोग इकठ्ठे हुए हैं, उसी तरह चीन के थ्यानमन चौक पर आजादी के मतवाले इकठ्ठा हुए थे. लेकिन तत्कालीन कम्युनिष्ट सरकार ने उन निर्दोषों के खून की नदियाँ बहा दीं.<br />अर्थात घिनौनी कम्युनिष्ट शासन की अपेक्षा एक तानाशाह से लड़ना अधिक आसान होता है. <br /> <br />चीनी सर्च इंजन में तो egypt शब्द खोजने पर परिणाम दिखाना बंद कर दिया. चीनी कम्युनिष्ट शुतुरमुर्ग अपना सिर्फ जमीन में घुसेड़कर सोचते है कि को कुछ नहीं दिख रहा है.Dineshhttps://www.blogger.com/profile/06400745396285150489noreply@blogger.com