tag:blogger.com,1999:blog-18449440.post5375709104227156158..comments2024-02-21T21:44:01.379+05:30Comments on आइए हाथ उठाएँ हम भी: परेशान एक दूसरे से पेश आते हुएलाल्टूhttp://www.blogger.com/profile/04044830641998471974noreply@blogger.comBlogger4125tag:blogger.com,1999:blog-18449440.post-61604043895942895452009-09-19T23:12:38.553+05:302009-09-19T23:12:38.553+05:30सच ज़िंदा तो है
पर इसका ऐसा इस्तेमाल
गलत है। मुझे ...सच ज़िंदा तो है<br />पर इसका ऐसा इस्तेमाल<br />गलत है। मुझे प्यार है तुमसे<br /><br />यह सच है या औजार?<br /><br />----------------Nice question left by poemप्रदीप कांतhttps://www.blogger.com/profile/09173096601282107637noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-18449440.post-68465936202060864422009-09-17T09:11:48.002+05:302009-09-17T09:11:48.002+05:30कविता बेटी के ब्लाग (aqrima.blogspot.com) से ली थी...कविता बेटी के ब्लाग (aqrima.blogspot.com) से ली थी - उसने और भी कई अच्छी कविताएँ पोस्ट की हुई हैं। अब मैंने ऊपर यह सूचना डाल दी है। मेरा अनुवाद extempore है, इसलिए बहुत अच्छा तो हो नहीं सकता।लाल्टूhttps://www.blogger.com/profile/04044830641998471974noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-18449440.post-44511751352507381242009-09-16T17:49:51.444+05:302009-09-16T17:49:51.444+05:30हिंदी अनुवाद में मूल वाली सरसता नहीं आई. शायद कवित...हिंदी अनुवाद में मूल वाली सरसता नहीं आई. शायद कविता के अनुवाद में आती भी नहीं है. फिर भी मारग्रेट Atwood से मिलवाने का बहुत बहुत शुक्रिया.अनिकेतhttp://simplyani.wordpress.comnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-18449440.post-37885323737753095062009-09-16T17:21:22.092+05:302009-09-16T17:21:22.092+05:30हमने तो हाथ उठा दिये .........क्या बात है आपमे.......हमने तो हाथ उठा दिये .........क्या बात है आपमे.........रचना रोम रोम से शरीर से होते हुये .......दिल मे उतर गयी..........और दिमाग .......नतमस्तक है आपकी रचनाधर्मिता पर....ओम आर्यhttps://www.blogger.com/profile/05608555899968867999noreply@blogger.com