tag:blogger.com,1999:blog-18449440.post4175010859653110050..comments2024-02-21T21:44:01.379+05:30Comments on आइए हाथ उठाएँ हम भी: हादसा और उदारवादी उलझनेंलाल्टूhttp://www.blogger.com/profile/04044830641998471974noreply@blogger.comBlogger1125tag:blogger.com,1999:blog-18449440.post-30354155760163125682013-11-05T12:38:34.680+05:302013-11-05T12:38:34.680+05:30लाल्टू,
तुम्हारे नये हादसे के बारे में पढ़ कर बुरा...लाल्टू,<br />तुम्हारे नये हादसे के बारे में पढ़ कर बुरा लगा। सचमुच क्या मुसीबत है इतनी सारी ज़रूरी चीज़ों का एक साथ खो जाना। शायद ऐसे ही किसी क्षणों में हमने अपने धर्म और ख़ुदा को भी खो दिया होगा। उस एक नहीं, बारी बारी से कई ख़ुदाओं को। और अब किसी एक को भी पाना दुर्लभ है। <br /><br />सही है अब तो दोस्तों से ही काम चलाना पड़ेगा।<br />अनवरAnwar Jafrihttps://www.blogger.com/profile/05449499693377215481noreply@blogger.com