tag:blogger.com,1999:blog-18449440.post115014887752703329..comments2024-02-21T21:44:01.379+05:30Comments on आइए हाथ उठाएँ हम भी: इंसान की शिद्दतलाल्टूhttp://www.blogger.com/profile/04044830641998471974noreply@blogger.comBlogger2125tag:blogger.com,1999:blog-18449440.post-1150197975453887492006-06-13T16:56:00.000+05:302006-06-13T16:56:00.000+05:30क्या बात मन की बात! न केवल पाखंड, गुलामी और अत्याच...क्या बात मन की बात! न केवल पाखंड, गुलामी और अत्याचार के बिना लगता नहीं कि इस तरह का निर्माण कार्य संभव हुआ होगा. मेरा सलाम उनको है जिन्होंने यह अत्याचार सहा और ऐसा अद्भुत काम किया, जो सदियों तक ऋतुचक्र और संक्रांतियों के आगमन की सटीक जानकारी देता रहा.लाल्टूhttps://www.blogger.com/profile/04044830641998471974noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-18449440.post-1150182266668781532006-06-13T12:34:00.000+05:302006-06-13T12:34:00.000+05:30अहं और पाखंड तब भी था और मेहनत आज भी है। तब दायरा ...अहं और पाखंड तब भी था और मेहनत आज भी है। तब दायरा था और अब विस्तार है।<BR/>प्रेमलताप्रेमलता पांडेhttps://www.blogger.com/profile/11901466646127537851noreply@blogger.com