tag:blogger.com,1999:blog-18449440.post114209322847525594..comments2024-02-21T21:44:01.379+05:30Comments on आइए हाथ उठाएँ हम भी: आजीवनलाल्टूhttp://www.blogger.com/profile/04044830641998471974noreply@blogger.comBlogger3125tag:blogger.com,1999:blog-18449440.post-1142258093626791342006-03-13T19:24:00.000+05:302006-03-13T19:24:00.000+05:30अनुनाद, बहुत अच्छा लगा कि आपने लिखा। लिखूँगा। ज़र...अनुनाद, <BR/>बहुत अच्छा लगा कि आपने लिखा। <BR/>लिखूँगा। ज़रुर लिखूँगा। नई जगह की व्यस्तताएँ हैं और कुछ निजी परेशानियाँ हैं, इसलिए जितना चाहता हूँ उतना लिख नहीं पाता। धीरे धीरे लिखूँगा।लाल्टूhttps://www.blogger.com/profile/04044830641998471974noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-18449440.post-1142257353900529262006-03-13T19:12:00.000+05:302006-03-13T19:12:00.000+05:30लाल्टू जी, नमस्कार !आप उच्च-शिक्षा से जुडे हुए हैं...लाल्टू जी, नमस्कार !<BR/>आप उच्च-शिक्षा से जुडे हुए हैं, अनेकानेक सामाजिक गतिविधियों से जुडे हुए हैं और बहुमुखी प्रतिभा के धनी हैं | इसलिये आपसे बडी उम्मीदें हैं | मेरी इच्छा, शिक्षा और उससे जुडे भारतीय विषयों पर आपके विचार पढने की है | अनेक विचारक ऐसी राय जाहिर करते पाये जाते हैं कि सूचना-क्रान्ति के इस युग में शिक्षा सबसे महत्वपूर्ण है | इस कारण मेरा यह निवेदन और अधिक महत्व रखता है |अनुनाद सिंहhttps://www.blogger.com/profile/05634421007709892634noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-18449440.post-1142178171759804102006-03-12T21:12:00.000+05:302006-03-12T21:12:00.000+05:30मुझे तो यह कविता रीपोस्ट नहीं लगी।वैसे बंधु अब इत...मुझे तो यह कविता रीपोस्ट नहीं लगी।<BR/><BR/>वैसे बंधु अब इतना भी बदनाम न करो। पिटते तो हम हैं। रोजाना केनन से (कहना न होगा केनन का प्रतिनिधित्व इस दुनिया में तो प्रोफेसरों से बंहतर कोई नहीं करता) ;)मसिजीवीhttps://www.blogger.com/profile/07021246043298418662noreply@blogger.com